दहेज़ प्रथा खत्म करने को लेकर हाथों में तख्ती लेकर लोगो को किया जागरूक,बेटी अभिशाप नही देश का भविष्य है:कलवा कुरैशी
शहर के जिम्मेदार लोगों ने दहेज मुक्ति अभियान में युवाओं को अपना समर्थन देते हुए इस पहल की सराहना की
अफजलगढ़। दहेज प्रथा के खिलाफ जावेद अमान द्वारा भारत में एक अभियान चलाया जा रहा है। जावेद अमान के फैसले का स्वागत करते हुए सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से रविवार को नगर में जिम्मेदार लोगों ने जावेद अमान के दहेज मुक्ति अभियान को सफल बनाने को लेकर एक संदेश इस दहेज मुक्ति अभियान में लोगों को जागरूक करने को लेकर मेम्बर कलवा कुरैशी,फईम कस्सार व समाजसेवी शुऐब कुरैशी के नेतृत्व में नगर के युवा,सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षकों तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगो ने हाथों में बैनर, तख्तियां और नारे लिखी पट्टिकाएं लेकर कदम बढ़ाए। इस दहेज़ प्रथा मुक्त पहल का स्वागत नगरवासियों ने किया। अफजलगढ़ युवा टीम द्वारा “दहेज प्रथा खत्म करो”, “बेटियां अभिशाप नहीं, भविष्य हैं”, “सादी शादी–खुशहाल जिंदगी”, “दहेज लेना अपराध है” जैसे प्रभावी नारे लगाए, जिनसे वातावरण गूंज उठा। वही मेम्बर कलवा कुरैशी ने दिया बड़ा संदेश कहा कि दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए सबसे बड़ी सामाजिक बुराइयों में से एक है। यह केवल लड़कियों के परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं डालती, बल्कि कई बार परिवार टूटने और हिंसा का कारण भी बनती है। उन्होंने कहा कि अफजलगढ़ के युवाओं ने इस अभियान की शुरुआत कर एक मिसाल कायम की है। आने वाले दिनों में वे स्कूलों, कॉलेजों, मोहल्लों और सामाजिक मंचों पर दहेज विरोधी अभियान को और मजबूत करेंगे। अफजलगढ़ युवा टीम का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी शुऐब कुरैशी व फईम कस्सार ने कहा कि समाज के सभी लोगों को दहेज मुक्ति अभियान में हिस्सा लेना चाहिए और इसे जागरूक करना चाहिए। ताकि गरीब लोगों के बच्चों की भी शादी सादगी के साथ हो सके। कई नगर वासियों ने दहेज मुक्त विवाह की शपथ भी ली। वही शहर के जिम्मेदार लोगों ने दहेज मुक्ति अभियान में युवाओं को अपना समर्थन देते हुए इस पहल की सराहना की।अफजलगढ़ युवा टीम के सभी साथियों ने कहा कि दहेज प्रथा से होने वाले सामाजिक व मानसिक नुकसान पर प्रकाश डाला। युवाओं ने सामूहिक रूप से दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा देने, समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाने और जरूरत पड़ने पर पीड़ित परिवारों की मदद करने का भी संकल्प लिया। अफजलगढ़ युवा टीम द्वारा सोशल मीडिया पर इस अभियान की चर्चा रही। बुजुर्गों और सामाजिक संगठनों ने युवाओं की इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि यदि युवा शक्ति इसी तरह आगे आती रही तो दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। अफजलगढ़ में दहेज मुक्ति अभियान की यह पहल लंबे समय तक याद रखी जाएगी और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इस अवसर पर समाजसेवी शुऐब कुरैशी के आलावा फईम कस्सार,कारी उवैस मुख्तयार,कारी एहतेशाम,समीर अहमद,नईम सैफी,फुरकान कुरैशी,फरमान भंडारी,अयान तुर्क,रईस अहमद,शाकिर अहमद हसन,वाजिद अल्वी, दानिश कुरैशी,फैसल सिद्दीकी,समीर जहीर खान,सानू अली तथा मोहम्मद कैफ आदि उपस्थित रहे।