जिले में निर्मित पुस्तकालयों में अध्ययन कर 4500 से अधिक युवाओं का विभिन्न शासकीय सेवाएं जैसे पुलिस, सेना, एस०एस०सी०,आदि में हुआ चयन- जिलाधिकारी जसजीत कौर
जिले में निर्मित पुस्तकालयों में अध्ययन कर 4500 से अधिक युवाओं का विभिन्न शासकीय सेवाएं जैसे पुलिस, सेना, एस०एस०सी०,आदि में हुआ चयन- जिलाधिकारी जसजीत कौर
जिले में निर्मित पुस्तकालयों में अध्ययन कर 4500 से अधिक युवाओं का विभिन्न शासकीय सेवाएं जैसे पुलिस, सेना, एस०एस०सी०,आदि में हुआ चयन- जिलाधिकारी जसजीत कौर
ग्राम पंचायत पुस्तकालय शिक्षा एवं सूचना के क्षेत्र में शैक्षणिक और सार्वजनिक समुदाय को सेवा प्रदान करने का एक अनुठा तरीका-मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा
ब्यूरो रिपोर्ट
बिजनौर। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि साक्षरता और पढ़ने के प्रेम को बढावा देने में ग्राम पंचायत पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों, वयस्कों और परिवारों के लिए साक्षर कौशल में सुधार करने और आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करने के लिए संसाधन प्रदान करते है। उन्होंने कहा कि सूचना तक पहुँच एक महत्वपूर्ण कारण जो पुस्तकालयों को जरूरी बनाती है, वह यह है कि पुस्तकों, डाटाबेस और डीजिटल प्लेटफार्म सहित सूचना संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते है। जिसमें दुनिया भर के हजारो अखबार एवं पत्रिकाएं सामिल है, यह उन अभ्यर्थियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जिनके पास इन्टरनेट की सुविधा नहीं है और जो किताबें एवं अन्य संसाधन खरीदने के लिए सक्षम नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के द्वारा इन निर्मित पुस्तकालयों में अध्ययन कर शासकीय सेवा के लिए परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक वरदान हैं। वर्तमान तक जनपद में इन निर्मित पुस्तकालयों में अध्ययन कर 4500 से अधिक युवाओं का विभिन्न शासकीय सेवाएं जैसे पुलिस, सेना, एस०एस०सी०, आदि में चयनित हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत पुस्तकालय एक सामुदायिक केन्द्र के रूप में भी क्रियाशील हैं, जहाँ लोग एकत्रित होकर अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न अन्य गतिविधियों में भी भाग ले सकते है। वे आयोजन, कार्यशालाएं, पुस्तक क्लब, व्याख्यान और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर सकते है और समुदाय के लिए अपनेपन की भावनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम पंचायत पुस्तकालय शिक्षा एवं सूचना के क्षेत्र में शैक्षणिक और सार्वजनिक समुदाय को सेवा प्रदान करने का एक अनुठा तरीका है। अभ्यर्थियों, विधार्थियों एवं ग्राम समुदाय की पीढियों के लिए सांस्कृतिक विरासत एवं ऐतिहासिक ज्ञान अन्य मूल्यवान संसाधनों के विषय के सम्बन्ध में अवगत कराते है जो हमारे अतीत की समक्ष योगदान प्रदान करते है और हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते है। आजीवन सीखने के चैम्पियन के रूप में ग्राम पंचायत पुस्तकालय जिज्ञासा को शान्त करने, प्रोद्यौगिकी तक पहुँच बनाने और नये विचारों और करियर को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। पुस्तकालय सभी आयु वर्ग के छात्रों एवं समुदाय के लिए संसाधन, शोध सहायता और अध्ययन प्रदान करने का उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत पुस्तकालय लोगों को सूचना, साक्षरता का बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे प्रभावी ढंग से खोजने, उसका मूल्यांकन करने और उनका उपयोग करने का तरीका सिखाते हैं। वे शोध कौशल, आलोचनात्मक सोच, मीडिया साक्षरता और डिजिटल साक्षरता में अत्यधिक सहायता प्रदान करते है. जिससे व्यक्तियों को तेजी से जटिल होते हुए भी सूचना परिदृश्य को समझाने में मदद मिलती है। मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा ने ग्राम पंचायत में स्थापित किए जाने वाले पुस्तकालय के संबंध में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए एवं ग्रामीणों में ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए जनपद बिजनौर की समस्त 1123 ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। पुस्तकालय निर्माण के लिए केन्द्रीय वित्त आयोग की धनराशि का प्रयोग ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। पुस्तकालय निर्माण हेतु एक कक्ष पंचायत भवन में ही आरक्षित किया गया है। पुस्तकालय में ब्रॉण्ड बैण्ड, इन्टरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा, वाई-फाई की सुविधा, इन्वर्टर बिजली, पेयजल एवं शौचालय सुविधा उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत पुस्तकालयों में एन०सी०ई०आर०टी० की प्रतियोगी पुस्तकों के साथ-साथ अन्य साहित्यिक पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो समानता, एकता,स्वतंत्रता, सामाजिक संरचना, मूलभूत समस्याओं से अवगत कराते हुए तर्क/विश्लेषण की प्रवृति विकसित करें।