घुसपैठ पर नकेल के लिए RPF मुस्तैद, चार साल में 586 बांग्लादेशी समेत 916 लोग पकड़े गए

घुसपैठ पर नकेल के लिए RPF मुस्तैद, चार साल में 586 बांग्लादेशी समेत 916 लोग पकड़े गए

ब्यूरो रिपोर्ट

भारत में रेलवे के माध्यम से घुसपैठ करने वाले लोगों पर नकल के लिए आरपीएफ लगातार मुस्तैद है। इसको लेकर रेलवे मंत्रालय ने बताया कि आरपीएफ ने 2021 से लेकर अब तक कुल 900 से ज्यादा घुसपैठियों को पकड़ा है। इसमें 586 बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। रेलवे में अवैध प्रवास रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की बड़ी कार्रवाई का आकड़ा सामने आया है। इसके तहत आरपीएफ ने चार साल में 916 अवैध प्रवासियों को पकड़ा है। रेल मंत्रालय ने मामले में बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 2021 से लेकर अब तक कुल 916 अवैध प्रवासियों को पकड़ा है, जिनमें 586 बांग्लादेशी नागरिक और 318 रोहिंग्याओं शामिल हैं। इनमें से कुछ लोग भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करने की बात कबूल कर चुके थे और उन्हें ट्रेन से यात्रा करते समय रोका गया था
*बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नकल*
रेलवे मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ने के बावजूद, ये लोग असम के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास करते हैं और रेलवे का उपयोग करते हैं। आरपीएफ ने इस समस्या से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है। इससे अवैध प्रवासियों को पकड़ने में मदद मिली है।
साथ ही मंत्रालय के द्वारा जारी प्रेस बयान में बताया गया है कि कुछ घुसपैठियों ने यह स्वीकार किया कि वे अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे थे। बता दें कि उन्हें ट्रेन यात्रा के दौरान, जैसे कि कोलकाता जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह घटनाएं भारतीय अधिकारियों के लिए रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और अवैध घुसपैठियों पर नज़र रखने में आने वाली समस्याओं को दर्शाती हैं।
*रेलवे ने जारी किया प्रेस नोट*
आरपीएफ की कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए रेलवे मंत्रालय ने प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट में कहा गया है कि घुसपैठियों द्वारा रेलवे का उपयोग उनके लिए राज्य दर राज्य यात्रा करना आसान बना देता है, लेकिन यह भारत में अवैध प्रवेश का पता लगाना और उसे रोकने में कठिनाई उत्पन्न करता है। हालांकि, आरपीएफ को पकड़े गए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है। वे केवल उन व्यक्तियों को पुलिस और अन्य अधिकृत एजेंसियों के पास भेजते हैं, ताकि आगे की कानूनी प्रक्रिया की जा सके

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