मथुरा। कान्हा की नगरी में गठबंधन का खेमा बुरी तरह से परास्त हो गया। जीत हासिल करके हेमामालिनी दोबारा से मथुरा की सांसद बन गई। ड्रीमगर्ल का तीसरी बार सांसद बनने का जो ड्रीम था उसे ब्रजवासियों ने पूरा कर दिया। नामांकन वाले दिन ही हेमा ने कहा था कि यह उनका अंतिम चुनाव है। इस बार जिता दीजिए जो काम रह गए हैं उन्हें पूरा कर दूंगी। मथुरा की जनता ने उन पर भरोसा कर सांसद बना दिया। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के जातीय समीकरणों को देखकर चुनाव आसान नहीं लग रहा था। नामांकन के साथ ही माना जा रहा था कि टक्कर कांटे की होगी। शुरूआत में तो भाजपा से ज्यादा गठबंधन प्रत्याशी के चुनाव में दम दिख रहा था। लेकिन जैसे जैसे दिन बीतते गए हेमा का चुनाव रफ्तार पकड़ता गया। हालांकि जिस दिन मतदान हुआ था उस दिन भी मतदाताओं का मूड देखकर यह तो लग रहा था कि भाजपा और गठबंधन प्रत्याशी में सीधा मुकाबला होगा। लेकिन नतीजों में तो कहीं मुकाबला दिखा ही नहीं। मतगणना के दौरान हेमा ने पहले चरण से जो तेजी पकड़ी अंत तक कहीं रुक ही नहीं पाई। गठबंधन प्रत्याशी मुकेश धनगर ने पीछा करने की कोशिश की लेकिन सभी जगह हेमा विजेता की भूमिका में ही दिखीं। सुबह से वोटों की गिनती शुरू हुई थी और शाम तक गठबंधन प्रत्याशी बुरी तरह से परास्त हो गया था! हेमा मालिनी के इस बड़ी जीत से एक बात साफ हो गई कि कांग्रेस प्रत्याशी को गठबंधन का कोई फायदा मिल नहीं पाया। जिन बिरादरियों के बारे में माना जा रहा था कि वो कांग्रेस प्रत्याशी के साथ जाएंगी वो भी भाजपा को ही वोट कर गई। खास बात यह है कि पांचों विधानसभाओं में हेमा मालिनी सबसे आगे रही हैं। उनका मुकाबला कहीं कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं कर पाया। चुनाव के दौरान हेमा ने कहा था कि वो ब्रज की राधा हैं। वो राधा बनकर ब्रज की११ सेवा करना चाहती हैं। पार्टी हाईकमान को भरोसा दिलाया था कि मथुरा वासियों पर उन्हें पूरा विश्वास है कि वह उन्हें इस बार भी चुनाव जिता देंगे।