नैनीताल! झील को चुहो और मछलियों से एक अजीबोगरीब खतरा बना हुआ है! नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में चूहे झील से सटी दीवारों को न केवल कुरेद रहे हैं! बल्कि जगह-जगह बिल बनाकर दीवारों को कमजोर भी कर रहे हैं। ऐसे में झील से सटी दीवारों के ढहने का अंदेशा बना हुआ है। सिंचाई विभाग भी इसे गंभीरता से लेकर उसका प्रभावी समाधान खोज रहा है। शहर के मल्लीताल क्षेत्र में बोट हाउस क्लब, पंत पार्क, बैंड स्टैंड से लेकर कैपिटल सिनेमा तक का भू-भाग नैनीझील से लगा है। झील किनारे वर्षों पहले दीवार बनाई गई थी! लेकिन पिछले कुछ साल से बैंड स्टैंड से लेकर कैपिटल सिनेमा तक झील से सटी दीवारें दरकती जा रही हैं। दीवारों के कमजोर होने का एक कारण चूहे भी हैं! क्योंकि झील से सटी दीवारों में बनाए गए बिलों में यह घुस जाते हैं। चूहों ने दीवारों में ही नहीं, बल्कि बैंड स्टैंड के आसपास की जमीन पर भी कई जगह बिल बना लिए हैं। इससे भू-धंसाव भी हो रहा है। इन चूहों से निपटना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वहीं दूसरी ओर नैनीताल इलाके में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों की मछलियां भी झील से सटी दीवारों को कमजोर बना रही हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विज्ञान विभाग के डॉ. आशुतोष मिश्रा के मुताबिक,”नैनीझील के किनारों की सुरक्षा दीवारों पर लगातार धंसाव हो रहा है। इसका एक कारण कॉमन कार्प मछली भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि कॉमन कार्प मछली मिट्टी को कुरेदकर भोजन की तलाश करती है! और इसके लिए यह पानी के भीतर दीवारों को भी कुरेदने लगती हैं! नैनीताल सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता D D सती ने इस समाचार पत्र को बताया!”मल्लीताल पंत पार्क क्षेत्र में क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत का 75 फीसदी काम पूरा करा लिया गया है। चूहों के कारण दीवारों के कमजोर होने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए इस संबंध में नगर पालिका के अधिकारियों से वार्ता कर समस्या का समाधान खोजा जाएगा!