बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना

बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना

ब्यूरो रिपोर्ट

लालकुआं। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बार मामला उठाए जाने के बावजूद बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव घोषित करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर प्रतिपक्ष नेता यशपाल आर्य ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस संवेदनशील और जनभावनाओं से जुड़े मुद्दे की जानबूझकर अनदेखी कर रही है। आर्य ने बताया कि उन्होंने स्वयं और धारचूला के विधायक हरीश धामी ने विधानसभा में बिंदुखत्ता का मुद्दा उठाया था। यहाँ तक कि सत्तारूढ़ दल के विधायक महंत दिलीप रावत ने भी अपने वक्तव्य में बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव का दर्जा देने की पैरवी की थी। इसके बावजूद सचिवालय में लंबित पत्रावली पर कोई निर्णायक कार्यवाही नहीं की गई है। गत दिवस मिले प्रतिनिधिमंडल ने नेता प्रतिपक्ष को बताया कि बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव घोषित किए जाने का प्रस्ताव जिला स्तर पर स्वीकृत होने के बाद पत्रावली वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के दायरे में लाकर जानबूझकर लंबित रखी जा रही है, जबकि यह मामला स्पष्ट रूप से वन अधिकार अधिनियम (FRA) के अंतर्गत आता है। यह स्थिति FRA के प्रावधानों की सीधी अवहेलना है। इस गंभीर स्थिति की जानकारी मिलने के बाद प्रतिपक्ष नेता यशपाल आर्य ने राज्य के नवनियुक्त मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन से दूरभाष पर वार्ता की और सचिवालय में लंबित फाइल को नियमों के तहत शीघ्र निस्तारित करने का अनुरोध किया।इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में सचिन भुवन चंद भट्ट, उमेश चंद्र भट्ट एवं कविराज धामी भी उपस्थित रहे। प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से माँग की है कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बिंदुखत्ता को शीघ्र राजस्व गाँव का दर्जा दिया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को भूमि का मालिकाना हक मिल सके ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *