वनस्पति औषधि की बुआई में महाराष्ट्र 10 वे स्थान पर

वनस्पति औषधि की बुआई में महाराष्ट्र 10 वे स्थान पर

 

रिपोर्ट,शमीम अहमद

नागपुर। देशभर में औषधी वनस्पती की बुआई का क्षेत्र बढाए जाने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय व्दारा 5 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरुआत की गई थी.
देश के कुछ ही बडे राज्यों को छोडकर देश के अनेक राज्यों में बुआई नगण्य रही. देश में बुआई को लेकर महाराष्ट्र दसवें तथा उत्तर प्रदेश पहले क्रमांक पर है. देश में औषधी वनस्पतियों का क्षेत्र बढाए जाने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय व्दारा 2015-16 से साल 2020-21 इन 5 वर्षो के लिए विशेष अभियान चलाया गया था. इस संदर्भ में आयुष मंत्रालय व्दारा पंजीयन के अनुसार देशभर में 59 हजार 350 किसानों ने 56,305 हेक्टर जमीन पर औषधी वनस्पती की बुआई की. जिसमें पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश (12,300 हेक्टर) उसके पश्चात दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश (12,251), तीसरे क्रमांक पर आंध्र प्रदेश (4350 हेक्टर), चौथे क्रमांक पर राजस्थान (4113 हेक्टर), पांचवे स्थान पर तमिलनाडू (3931 हे.), छटवें स्थान पर कर्नाटक (3929 हे.), सातवे स्थान पर केरल (2269 हे.), आठवे स्थान पर पं. बंगाल (1763 हे.), तेलंगना नवे स्थान पर (1674 हे.), दसवें स्थान पर महाराष्ट्र (1290 हे.) में बुआई कर है.
औषधी वनस्पतियों की बुआई के लिए किसानों को केंद्र सरकार की ओर से अनुदान के साथ मार्गदर्शन, विक्रेताओं के साथ बैठक व अन्य जनजागृती उपक्रम भी चलाए जा रहे है. उपक्रमों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में काफी कम है. पांच सालों में आंध्र प्रदेश में 12, मध्यप्रदेश में 64, महराष्ट्र में केवल 2 बैठक ही ली गई. योजना को लेकर महाराष्ट्र राज्य की योजना सामने आयी है. योजना भले ही केंद्र सरकार की हो किंतु इसे चलाए जाने के लिए राज्य सरकार का भी सहभाग होना आवश्यक है.

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