डीएम उमेश मिश्रा ने जिला अस्पताल के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कमी पाये जाने पर नाराजगी जताई

प्रभारी अधिकारी फार्मेसी का जवाब तलब करने के निर्देश दिए
शमीम अहमद
बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल एवं प्रांगण में समुचित सफाई न पाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था चाकचौबंद रखें। मुआयने के समय औषधि भण्डार में औषधियों का रखरखाव सुव्यवस्थित न पाए जाने तथा स्टॉक रजिस्टर का मानक के अनुरूप सत्यापन न होने तथा स्टॉक रजिस्टर और कम्प्यूटर के स्टाक डाटा में अंतर पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने प्रभारी अधिकारी फार्मेसी का जवाब तलब करने के निर्देश दिए। सीटी स्केन कक्ष, अल्ट्रासाउण्ड एवं पैथलॉजी कक्षों में विद्युतापूर्ति न पाए जाने पर उन्होंने जन सामान्य की परिशानियों के दृष्टिगत कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कार्य के दौरान नियमित रूप से विद्युतापूर्ति की व्यवस्था के लिए जनरेटर की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें अन्यथा उनके
विरूद्व कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज दोपहर जनसामान्य को मानक के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं का सुव्यस्थित एवं मानक के अनुरूप लाभ पहुंचाने के दृष्टितगत जिला अस्पताल का आकस्मिक रूप से निरीक्षण किया गया।
उन्होंने एमरजंेसी वार्ड का निरीक्षण करते हुए उपस्थित चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को निर्देश दिए कि अपातकालीन वार्ड में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित रखते हुए उसमें जीवन रक्षक दवाएं एवं उपकरण आदि सभी व्यवस्थाएं अद्यतन रखें। सीटी स्केन एवं अल्ट्रासाउण्ड कक्ष में विद्युत आपूर्ति न होने के कारण मरीजों को परिशान अवस्था में पाए जाने पर जिलाधिकारी द्वारा उसके कारण की जानकारी प्राप्त करने पर स्टाफ द्वारा बताया गया कि इन कार्याें का संचालन प्राईवेट संस्था द्वारा किया जाता है, इसके लिए जनरेटर की समुचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था मैसर्स स्टार पैथलेब हैल्थ केयर को निर्देशित करें कि सभी सुविधाओं के लिए जनरेटर की सुविधा अद्यतन रखें अन्यथा उनके विरूद्व कार्यवाही करते हुए अन्य कार्यदायी संस्था को नियुक्त किया जाएगा।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा सेे उपस्थित मरीज़ों द्वारा शिकायत करते हुए कहा कि अस्पताल में हैपेटाईटिस बी एवं सी के परीक्षण के लिए लगभग एक माह से किट उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उक्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कड़े निर्देश दिए कि यथाशीघ्र हैपेटाईटिस बी एवं सी के परीक्षण के लिए किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करें और पैथालॉजी का संचालन भी नियमानुसार सुव्यस्थित रूप से कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि शासन के निर्देशों के अनुरूप जन सामान्य को स्वास्थ सेवाएं पूर्ण मानक के अनुसार निशुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने औषधि भण्डार के निरीक्षण के दौरान दवाओं कार्टन इधर-उधर पाए जाने पर आपत्ति व्यक्त करते हुए भण्डार इंचार्ज को निर्देशित किया कि औषधियों का रखरखाव सुव्यस्थित रूप से करें और दवाओं के कार्टनों को अल्मारी में रखें ताकि दवाएं नमी आदि से सुरक्षित रहेें। स्टॉक रजिस्टर का निरीक्षण करते हुए संज्ञान में आया कि कम्प्यूटर और रजिस्टर में मिलान सही नहीं है और एमोक्सिलीन 625 एमजी सहित अन्य दवाएं भी कम्प्यूटर के स्टॉक में दर्ज नहीं पाई गईं और प्रभारी अधिकारी फार्मेसी द्वारा स्टॉक पंजिका का सत्यापन और मिलान भी नियमानुसार नहीं किया जा रहा है। जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को उनका स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 मनोज सेन के अलावा जिला अस्पताल के स्टॉफ के सदस्य मौजूद थे।