जिलाधिकारी बिजनौर द्वारा ग्राम पंचायत हरगन विकास ड-कोतवाली में इन-सी-टू योजना अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया।

जिलाधिकारी बिजनौर द्वारा ग्राम पंचायत हरगन विकास ड-कोतवाली में इन-सी-टू योजना अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया।

शमीम अहमद

बिजनौर! वर्ष 2023-24 में अनुदान पर श्रीमती निशा पत्नी श्री रक्षपाल सिंह को दिये गये पैडी ट्रान्सप्लान्टर से की जा रही धान की प्रजाति पी०बी०-1121 एवं बी०-1718 की रोपाई करते हुए निरीक्षण किया गया।रोपाई के समय श्री गिरीशचन्द्र उप कृषि निदेशक बिजनौर, श्री अवनीश कुमार, उप नाधिकारी नगीना, डा० के०के०सिंह कृषि वैज्ञानिक, श्री अनिल कुमार शर्मा, भूमि संरक्षण अधिकारी, श्री हरज्ञान 5. वरि०प्राविधिक सहायक ग्रुप-1, श्री उमेन्द्र सिंह, अवर अभियन्ता (कृषि विभाग), श्री आदित्यवीर, विषय वस्तु षज्ञ, श्री मुकेश कुमार शर्मा सहायक विकास अधिकारी (कृषि), श्री आदित्य कुमार गौतम सहायक विकास बकारी (कृषि रक्षा), श्री शरद कुमार एवं अन्य ग्रामों के 40 से अधिक कृषक उपस्थित रहे। श्री शरद कुमार द्वारा धान रोपाई के समय जिलाधिकारी महोदय एवं अन्य अधिकारियों को वगत कराया गया कि उनके द्वारा खरीफ सीजन में धान एवं उर्द की खेती प्राकृतिक तरीके से की जा रही है ■ रबी सीजन में बोई जाने वाली फसलों की खेती भी प्राकृतिक रूप से की जाती है। उनके द्वारा प्राकृतिक से खेती करने हेतु बीजामृत, जीवामृत घनजीवामृत, दसपर्णी अर्क, पंचगव्य आदि तैयार कर प्रयोग किये ने है। प्राकृतिक खेती से जहाँ एक ओर लागत में कमी आती है वही दूसरी ओर आय में वृद्धि होती है तथा कृतिक रूप से तैयार किये गये खाद्य पदार्थों की मांग भी अधिक होती है और मूल्य भी अधिक मिलता है। डा० के०के०सिंह, कृषि वैज्ञानिक के०वी०के० नगीना द्वारा धान रोपाई के समय उपस्थित कृषकों प्राकृतिक खेती के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसान किस प्रकार से बीजामृत, जीवामृत जीवामृत, दसपर्णी अर्क, पंचगव्य आदि तैयार कर सकते है और तैयार किये गये बीजामृत, जीवामृत जीवामृत, दसपर्णी अर्क, पंचगव्य आदि का फसलों में किस प्रकार से प्रयोग करना चाहिए के बारे में विस्तार जानकारी दी गयी। अंकित कुमार अग्रवाल जिलाधिकारी महोदय द्वारा धान रोपाई के निरीक्षण के समय स्थित कृषकों से अपेक्षा की गयी कि जिस प्रकार से श्री शरद कुमार द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है न सभी किसान भी प्राकृतिक खेती के लाभ देखते हुए, प्राकृतिक खेती को अपनायें। प्राकृतिक रूप से तैयार ये गये खाद्य पदार्थो को यदि आप स्वंय अपने भोजन के रूप में अपनायेंगें तो आपका स्वास्थ्य भी अच्छा 1 और बीमारियां भी कम लगेगी तथा डाक्टरों पर होने वाले व्यय से बचा जा सकता है। श्री गिरीशचन्द्र उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि श्रीमती निशा देवी ने कृषि यन्त्र ■-ट्रान्सप्लान्टर, वेटोली सर्विस इण्डिया, हाथरस से 7,00,000/- रूपये में कय किया गया था, कृषि विभाग कृषि यन्त्र अनुदान की धनराशि 1,50,000/- रूपये डी०बी०टी० के माध्यम से लाभार्थी के खाते में नांतरण किया गया तथा उपस्थित कृषकों को कृषि विभाग में चल रही योजनाओं के विषय में विस्तृत रूप से नकारी दी गयी अवगत कराया गया कि किसान भाई किस प्रकार से योजनाओं में पंजीकरण कराकर अनुदान कृषि यन्त्र ले सकते है और उन कृषि यन्त्रों का प्रयोग अपनी खेती में कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।

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