रात्रि में अवैध मिट्टी खनन ट्रेक्टर ट्रालियो को रोकने में राजस्व विभाग और पुलिस विभाग फेल..
मिट्टी खनन ठेकेदार एक दूसरे को पकड़वाने में हो रहे फेल..!
” मीडिया कर्मी राजस्व विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को रात्रि में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार की सूचना देने के लिए फोन करते तो फोन कॉल रिसीव नहीं होती “

रिपोर्ट:- पंकज कुमार दक्ष
धामपुर। मिट्टी खनन ठेकेदारों में अजीबोगरीब कहानी देखने को मिल रही है। एक ठेकेदार दूसरे ठेकेदार के मिट्टी खनन से भरे ट्रेक्टर ट्रालियो को पकड़वाने के लिए रात्रि में जाग रहें हैं कि किस रास्ते से मिट्टी या खो नदी का मिट्टी रेत भर किस रास्ते को आ रहें हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ ठेकेदारों द्वारा तहसीलदार के वाहन चालक और राजस्व विभाग के दो लेखपालों और क्षेत्रीय हल्के की पुलिस से सेटिंग कर रखी है। इसलिए जिन ठेकेदारों की सेटिंग हों गई है उनकी रात्रि में मिट्टी खनन ठेकेदारों की ट्रेक्टर ट्रालियो को नहीं पकड़ा गया है और जिनकी सेटिंग नहीं हो पाती उनकी ट्रेक्टर ट्रालियो को पकड़ने के लिए सूचना मिलते ही शिकार की तरह दौड़ पड़ते हैं। सूत्रों की माने तो लेखपालों और तहसीलदार और क्षेत्रीय पुलिस पर आरोप है कि पत्रकारों को खबरें छापने दो , इनके छापने से कुछ नहीं होता , मिट्टी खनन ट्रेक्टर ट्रालियो को तो राजस्व विभाग और पुलिस ही तो पकड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि सेटिंग वाले मिट्टी खनन ठेकेदारों से भी कहने का आरोप लगा है कि यदि हम पर कहीं से दबाव बना कि रात्रि में जाकर अवैध मिट्टी खनन ठेकेदारों की ट्रेक्टर ट्रालियो को पकड़ कर सीज करों तो हम आपको फोन पर सूचना दे देंगे आप उस दिन ट्रेक्टर ट्रालियो को मिट्टी खनन में मत चलाना। आरोप है कि शासन प्रशासन की आंखों में राजस्व विभाग के कर्मचारी और पुलिस विभाग के कर्मचारी किस तरह से आंखों में मिर्च झोंककर अधिकारियों की नजरों में ईमानदार साबित दिखाई दे रहे हैं।
मीडिया कर्मियों ने रात्रि में मिलक पुरनपुर और नंगला भज्जा के जंगलों और खो नदी में से रात्रि में मिट्टी खनन हो रहा था। लेखपाल व तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी को फोन लगाया तो किसी ने भी फोन कॉल रिसीव नहीं की। तथा मीडिया कर्मी कवरेज कर रात्रि में वापस हो गए।
उधर सुप्रीम कोर्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सख्त आदेश है कि शायं के 6 बजे से सुबह के 6 बजे तक मिट्टी खनन नहीं होगा। लेकिन राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी और पुलिस के कुछ कर्मचारी किस कारण रात्रि में अवैध मिट्टी खनन को रोकने में फेल हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि फीलगुड के कारण अवैध मिट्टी खनन का कारोबार रात्रि में खुलेआम हो रहा है।