चमोली में भूस्खलन से हेमकुंड साहिब का संपर्क टूटा: प्रशासन के सामने चुनौती!

चमोली में भूस्खलन से हेमकुंड साहिब का संपर्क टूटा: प्रशासन के सामने चुनौती!

शमीम अहमद

चमोली, उत्तराखंड। बुधवार सुबह चमोली जिले के गोविंदघाट के पास अचानक पहाड़ी से चट्टान लुढ़कने से हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया। मई में शुरू होने वाली तीर्थयात्रा से पहले इस पुल के टूटने ने प्रशासन और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, भूस्खलन और बड़े बोल्डर के लुढ़कने से पुलना गांव का संपर्क जोशीमठ से कट गया है, जहां की आबादी लगभग 200-250 है। प्रशासन की टीम मौके पर इंजीनियरों और डॉक्टरों के साथ पहुंच गई है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा, “बुधवार सुबह गोविंदघाट क्षेत्र में भूस्खलन हुआ, जिसमें बड़े बोल्डर लुढ़ककर आने से पीडब्लूडी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया और पुलना गांव का संपर्क मार्ग कट गया।” उन्होंने आगे कहा, “प्राथमिकता यह है कि वहां रहने वालों के लिए पैदल चलने का रास्ता बनाया जाए, ताकि उन्हें भोजन, स्वास्थ्य और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।”

श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने कहा, “सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब, जो सिखों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, के कपाट इस साल 25 मई को खुलने वाले हैं। यात्रा की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन इस पुल के टूटने से अब यात्रा के मार्ग पर एक बड़ी चुनौती आ गई है। राज्य सरकार इस पुल को शीघ्र बनाने के लिए प्राथमिकता पर कदम उठा रही है।”

जिलाधिकारी तिवारी ने बताया कि गोविंदघाट में हुई घटना के बाद एसडीआरएफ, तहसील प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग की सभी टीम मौके पर पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता पुलना गांव में निवासरत लोगों को आवश्यक वस्तुओं और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।”

पुल के टूटने से हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी के साथ-साथ पुलना और भ्यूडार के ग्रामीणों का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट गया है। इसके अलावा, दर्जनों वाहन पुलना गांव के पास बनी पार्किंग में फंसे हुए हैं।

गौरतलब है कि 2013 की आपदा में भी इस स्थान पर स्थित पुल बह गया था, जिसके बाद एक नया पुल बनवाया गया था। अब इस नए पुल के टूटने से यात्रा पर असर पड़ सकता है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा हो सकती है।

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