ई-रिक्शा चालकों का आतंक शहर का मेन बाजार पहाड़ी दरवाजा जामा मस्जिद रोज़ का जाम,कानून की धज्जिया उड़ाने में फुल एक्टिव,पुलिस की सख़्ती भी बेअसर
एक तरफ पुलिस प्रशासन कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक्टिव हैं,वहीं दूसरी तरफ़ ई-रिक्शा चालक कानून की धज्जिया उड़ाने में फुल एक्टिव हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट
नगीना। ई-रिक्शा चालकों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर दिनभर जाम, झगड़े और हादसे अब आम बात हो गई हैं। जहां देखो वहां ई-रिक्शा चालकों की मनमानी और लापरवाही लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुकी है। एक तरफ़ नगीना थानाध्यक्ष कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार गश्त और कार्रवाई में एक्टिव नज़र आते हैं, वहीं दूसरी तरफ़ ई-रिक्शा चालक कानून की धज्जिया उड़ाने में फुल एक्टिव हैं। ये चालक ट्रैफिक नियमों को मज़ाक बनाकर सड़कों पर ऐसे फर्राटा भरते हैं जैसे सारा रास्ता उनका निजी हो। पहाड़ी दरवाजा जामा मस्जिद बड़ा मंदिर लोहारी सराय रेलवे रोड और हाईवे पर ई-रिक्शा चालकों का जमावड़ा हमेशा देखने को मिलता है। बसों और बड़े वाहनों के आगे अचानक रिक्शा रोक देना,बिना संकेत मोड़ लेना और सड़क के बीचो बीच सवारी उतारना इनकी आदत बन चुकी है। नतीजा, लंबा जाम,अव्यवस्था और कभी-कभी हादसे तक हो जाते हैं। स्थानीय दुकानदारों और आम राहगीरों का कहना है कि यह समस्या अब सिरदर्द बन चुकी है। कई बार तो छोटी-छोटी बातों पर यात्रियों और रिक्शा चालकों के बीच तू-तू मैं-मैं से लेकर हाथापाई तक की नौबत आ जाती है। पुलिस कई बार चेतावनी दे चुकी है, लेकिन चालकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। आम जनता की मांग है कि अब पुलिस को सख़्त कदम उठाने होंगे। बिना लाइसेंस, बिना पंजीकरण और ओवरलोड रिक्शा चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए।