मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सनातन धर्म को भारतीय संस्कृति की नींव मानते हुए दैनिक कार्यों में तारीखों महीने और दोनों के उल्लेख में भी विक्रम संवत पद्धति को लागू करने के राज्य में दिये निर्देश
शमीम अहमद
देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सनातन धर्म को भारतीय संस्कृति की नींव मानते हुए दैनिक कार्यों में तारीखों महीने और दोनों के उल्लेख में भी विक्रम संवत पद्धति को लागू करने के राज्य में निर्देश दिए हैं ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में जारी होने वाली सरकारी अधिसूचनाओं, गजट नोटिफिकेशनों, उद्घाटन पट्टिकाओं एवं शिलान्यास शिलाओं में तिथि और वर्ष के साथ-साथ विक्रम संवत एवं हिन्दू माह (यथा फाल्गुन, कृष्ण पक्ष/शुक्ल पक्ष) का उल्लेख सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक आदेश तत्काल निर्गत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में जारी होने वाले सभी अधिसूचनाओ, शिलान्यास शिलाओं, उद्घाटन पट्टिकाओ में इन पारंपरिक समय-गणना मानकों का समावेश किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रम संवत भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग है।
मुख्यमंत्री ने कहा नई पीढ़ी में इन प्राचीन परंपराओं के ज्ञान के समावेश के साथ ही हम स्वर्णिम भारत और 21वीं सदी के भारत की कल्पना कर सकते हैं l
मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले का स्वागत करते हुए आचार्य डॉ राजेंद्र प्रसाद जगूड़ी ने बताया, “पहली जनवरी वाला नया साल यह पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है. मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से उत्तराखंड में युवा पीढ़ी के भीतर भारतीय संस्कृति के समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना में विशेष सहायता मिलेगी.” डॉ जगूड़ी ने बताया, “जैसे मार्च 19 2025 के दिन को फागुन, कृष्ण पक्ष पंचमी विक्रम संवत 2021 लिखा जाएगा”.